नैनीताल: हाई कोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से पालीटेक्निक कालेजों में प्रवक्ता (इंजीनियरिंग) के करीब दो साै पदों पर नियुक्ति के लिए 22-23 मार्च को तय लिखित परीक्षा पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद हजारों अभ्यर्थियों की परीक्षा को लेकर असमंजस बढ़ गया है। परीक्षा को लेकर जुलाई 2024 में विज्ञापन जारी किया गया था। मामले में अगली सुनवाई बुधवार 26 मार्च को होगी।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में पौड़ी गढ़वाल निवासी एमटेक के छात्र मधूसूदन पैन्युली व 12 अन्य एमटेक छात्रों की याचिका पर सुनवाई हुई। यााचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कोर्ट को बताया कि आल इंडिया टेक्नीकल एजुकेशन काउंसिल की ओर से पालीटेक्निक में प्रवक्ता पदों के लिए निर्धारित अर्हता बीटेक व एमटेक है जबकि शासन ने अर्हता को बीटेक तक सीमित कर दिया। शासन की मंजूरी के बाद राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से यह अर्हता निर्धारित कर दी, जो गलत है जबकि सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कहा कि एआइसीटीई के रुल्स सरकार पर बाध्यकारी नहीं है। सरकार को नियम बनाने का अधिकार है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल लिखित परीक्षा पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट ने पालीटेक्निक प्रवक्ता की नियुक्ति पर लगाई रोक
