Chamoli : श्री गोविन्दघाट गुरुद्वारा परिसर से पवित्र निशान साहिब के साथ हेमकुण्ड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना हुआ। जत्थे की अगुवाई पावन पंच प्यारों नेतृत्व में की गई, जो सिक्ख परंपरा में अत्यंत सम्मानित हैं। बैण्ड बाजों की मधुर धुन और ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं का पहला समूह अपनी कठिन किंतु फलदायी यात्रा पर निकला।
यात्रा की शुरुआत से ही प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सम्पूर्ण यात्रा मार्ग पर, विशेष रूप से प्रथम जत्थे के साथ, कड़ी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शनिवार को जत्था आज रात्रि घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में विश्राम करेगा। 25 मई को, यह समूह घांघरिया से श्री हेमकुण्ड साहिब के अंतिम पड़ाव के लिए प्रस्थान करेगा। जत्थे के हेमकुंड साहिब पहुंचने के बाद पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों को खोल दिए जाएंगे।