Uttarakashi….दयारा बुग्याल में दूध, मक्खन और मट्ठे की अनूठी होली का लोकपर्व अंढूड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल-दमाऊं की थाप पर रासौ-तांदी नृत्य करते हुए एक दूसरे के साथ दूध, मक्खन और मट्ठे की होली खेली। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पर्व का शुभारंभ देव डोलियों की पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इस दौरान राधा-कृष्ण बने कलाकारों के दूध-मक्खन से भरी मटकी फोड़ी ।ग्रामीणों ने दूध-मक्खन की होली का आनंद उठाया। आयोजक दयारा पर्यटन उत्सव
समिति के संयोजक मनोज राणा ने बताया कि अंढूड़ी उत्सव, जिसे बटर फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक परंपराओं को संरक्षित रखने एवं भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं की याद में मनाया जाता है। इस उत्सव के आयोजन पीछे प्रकृति का आभार जताने की भावना भी रहती है। ग्रामीणों के गोवंशीय पशु दयारा बुग्याल में चरते हैं। वहां की हरी घास का सेवन करके के ग्रामीणों के घर में दूध-मक्खन का भंडार होता है, जिसके चलते वह उस भंडार का एक अंश देवी-देवताओं व भगवान कृष्ण को अर्पित करते हैं। बता पर्व अगस्त माह में 15-16 अगस्त को होना था, लेकिन धराली आपदा के चलते इस पर्व का आयोजन निर्धारित समय पर नहीं हो पाया।