Ruchi.. ब्राह्मणवाला निवासी आशा शर्मा का बेटे मोनू का 17 साल पहले अपहरण हो गया था। बेटे की राह देखते- देखते मां की आंखें पथरा गयी थी। अब बूढ़ी मां आस छोड़ चुकी थी, लेकिन एक जुलाई 2024 का दिन ऐसे आया। जब उम्मीद छोड़ चुकी मां को पुलिस ने उसके बेटे से मिलवा दिया और मां के चेहरे पर बसंत आ गया।
पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार- प्रसार शुरू कर दिया। देहरादून के राष्ट्रीय अखबार ने जब खबर प्रमुखता से प्रकाशित की, तो माँ खबर पढ़कर पुलिस कार्यालय पहुंची। उनका बेटा पुलिस की देख रेख में था। जिसका खाने – रहने का इंतजाम पुलिस कर रही थी। उनका बेटा इतना बता रहा था कि , उनकी चार बहन हैं और उनके पिता की परचून की दुकान थी । उसे अपने परिजनों का नाम तक पता नही था। साल 2008 में उनका अपहरण किया गया था। राजस्थान में उनको बंधुवा मजदूर बनाकर चरवाहा का काम कराया जाता था। लेकिन वह किसी की मदद से देहरादून तक आए। लेकिन घर का पता याद न होने से अपनो से नहीं मिल पा रहे थे। राष्ट्रीय अखबार अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद मां बेटे तक पहुंची। मां ने जब बेटे को पूछना शुरू किया तो वह सब बताने लगा। जिसके बाद मां भावुक हो गई। पुलिस की मानवता की सराहना की और बेटे को घर ले गयी।