शेयर बाजार में निवेश नाम पर 80 लाख ठगे, 45 हजार सिम खरीदे

Ruchi negi : शेयर बाजार में निवेश के नाम पर अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए साइबर ठगों ने न सिर्फ फर्जी कंपनी बना डाली, बल्कि बड़े स्तर पर ठगी के लिए 45 हजार सिम भी खरीद लिए गए। ठगों के इस महाजाल का पता तब चला जब, इन्होंने दून निवासी एक व्यक्ति को झांसे में लेकर 80 लाख रुपये ठग लिए। प्रकरण की पड़ताल करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ठगों के पीछे पहुंची तो उनके जाल को देखकर दंग रह गई। एसटीएफ ने गिरोह के मास्टरमाइंड मुदस्सिर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चांदनी महल दिल्ली को दबोचा। गिरोह स्टाक मार्केट में निवेश के नाम पर व्हाट्सएप और फेसबुक ग्रुप बनाकर देशभर में लोगों को चूना लगा रहा था। गिरोह ने फर्जी कंपनी तैयार कर एयरटेल और वोडाफोन के 45 हजार सिम कार्ड खरीदे और साइबर ठगी में प्रयोग किए।

सभी सिम मशीन-टू-मशीन वाले पाए गए। मशीन-टू-मशीन सिम कार्ड के जरिये ठगी करने का यह पहला मामला सामने आया है। गिरोह स्टाक मार्केट में निवेश के नाम पर व्हाट्सएप और फेसबुक ग्रुप बनाकर देशभर में लोगों को चूना लगा रहा था। गिरोह ने फर्जी कंपनी तैयार कर एयरटेल और वोडाफोन के 45 हजार सिम कार्ड खरीदे और साइबर ठगी में प्रयोग किए। इसी क्रम में एसटीएफ को दून निवासी एक व्यक्ति ने निवेश के नाम पर 80 लाख रुपये ठगे जाने की शिकायत दी थी, जिस पर एसटीएफ ने यह कार्रवाई की। गिरोह के देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी का अंदेशा है।

व्हाट्सएप और फेसबुक से फंसा रहे लोगों को

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई। जिसमें कहा कि फेसबुक पर एक पोस्ट देखकर वह एक व्हाट्सएप ग्रुप टी रोव प्राइस स्टाक पुल अप ग्रुप ए-82 में जुड़े। जहां स्टाक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी। इसके बाद एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और खुद को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी का कर्मचारी बताकर शिकायतकर्ता का ट्रेडिंग के लिए खाता खुलवाया। साथ ही उन्हें इंदिरा कस्टमर केयर ए-303 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और एक लिंक भेजा गया, जिस पर स्टाक में निवेश के नाम पर अलग-अलग दिन में कुल 80 लाख रुपये जमा कराए। इसके बाद यह रकम उन्हें वापस नहीं मिली। एसटीएफ ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज को मामले की विवेचना सौंपी गई। एसटीएफ ने जांच में पाया कि जिन नंबरों से शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप कालिंग की गई थी वह जीनो टेक्नोलाजी के नाम से मुदस्सिर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चांदनी महल दिल्ली के नाम पर लिया गया था। एसटीएफ टीम को मुदस्सिर की तलाश में दिल्ली भेजा गया। लेकिन, आरोपित एसटीएफ की टीम को पकड़ में नहीं आ पाया। इसके बाद स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाकर आरोपित की गिरफ्तारी को चांदनी महल क्षेत्र में डेरा डाला गया। बीते मंगलवार की देर रात मुदस्सिर मिर्जा को चांदनी महल क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही आरोपित के पास से 3000 सिम कार्ड भी बरामद किए गए। गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े होने की सूचना एसटीएफ को मिली है। साथ ही मास्टरमाइंड ने दिल्ली-मुंबई समेत कई बड़े शहरों में सक्रिय एजेंटों की भी जानकारी दी है।

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