Ruchi negi….. उत्तराखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है। जब गणतंत्र दिवस पर सुरक्षाकर्मी राइफल से भूलवश एक पीसीएस अधिकारी के पेट में गोली लग गई। उनके जज्बे को सलाम गोली लगने के बाद भी उन्होंने ध्वजारोहण किया । संविधान की शपथ दिलाने के बाद हास्पिटल में भर्ती हो गए। हालांकि इस मामले में जांच बैठा दी गयी है।
दरअसल ,मामला डोईवाला का बताया जा रहा है। शुगर मिल में गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के दौरान दौरान सुरक्षा कर्मी से भूलवश राइफल से गोली चल गई। गोली के छर्रे ध्वजारोहण की तैयारी कर रहे अधिशासी निदेशक वरिष्ठ पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह (डीपी) के पेट में जा लगे। इससे वह घायल हो गए।ध्वजारोहण के बाद हर्ष फायरिंग की परंपरा है। इसी परंपरा के लिए सुरक्षाकर्मी हर्ष फायरिंग के लिए मोर्चा जमा रहा था। राइफल का मुंह सामने ध्वजारोहण के लिए खड़े अधिशासी निदेशक डीपी सिंह की तरफ था। तभी अचानक राइफल से गोली निकल पड़ी। गनीमत रही कि गोली थोड़ी दूर पर जमीन से जा टकराई। हालांकि, उससे निकले 312 बोर के छर्रे अधिशासी निदेशक के पेट में जा लगे। ध्वजारोहण के दौरान इतनी बड़ी चूक हो जाने से हर कोई सकते में दिखा। घटना की सत्यता को लेकर जांच बैठा दी है।
सुरक्षा कर्मी निलंबित, बैठाई जांच
गोली चलने की घटना के बाद अधिशासी निदेशक डीपी सिंह शुगर मिल के सुरक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही प्रकरण की जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि गोली किन परिस्थितियों में चली। खैर, गोली किसी को लगी नहीं, फिलहाल इसी बात का संतोष व्यक्त किया जा रहा है।
सिनर्जी को कराया उपचार, निपटाया काम
बताया जा रहा है कि गोली के छर्रे लगने के बाद भी साहसी पीसीएस अफसर ने ध्वजारोहण की अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाया। हालांकि, जब खून अधिक बहने लगा और दर्द बढ़ता गया तो उन्हें उपचार के लिए दून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह बात भी सामने आ रही है कि उपचार के बाद भी पीसीएस अफसर ने शाम तक रूटीन के आवश्यक काम निपटाए। उनके जज्बे को सलाम।